तू मत समझ ख़ुद को कमजोर भय भी भयभीत होकर दूर चला जाएगा जो तू मंजिल का राही मुश्किलों में न घबराएगा तू रख विश्वास खुद पर तू बना मंजिल का रास्ता तू मत समझ ख़ुद को कमजोर तू मत समझ ख़ुद को बेकार उर से डर मिटा दे तू तू रख हौसला बुलंद हरContinue reading “मत समझो ख़ुद को कमजोर”
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बूढ़ा हो गया हूँ
बूढ़ा हो गया हूँ चक्कर खा कभी-कभी गिर जाता हूँ रखता हूँ बेखबर इस खबर से तुमको मेरे लाल कि… न हो तू परेशान अब मैं बूढ़ा हो गया हूँ फटे कपड़ों पर रफू करवा काम चलाता हूँ न रखता हूँ ख्वाहिशें नयी कपड़ों कि मेरे लाल अब मैं बूढ़ा है गया हूँ मेरे लालContinue reading “बूढ़ा हो गया हूँ”
The Journey Begins
Thanks for joining me! Good company in a journey makes the way seem shorter. — Izaak Walton
