हे हंसवाहिनी! हे माँ सरस्वती!

हे हंसवाहिनी! हे माँ सरस्वती!
ज्ञान का वरदान प्रदान कर माँ
हम सब हैं बालक तेरी माँ
ममता की छांव में शरण दे माँ
अहंकार अंकुरित न हो मन में
सदा सद्बुद्धि प्रदान कर माँ।।

हे हंसवाहिनी! हे माँ सरस्वती!
अज्ञानता दूर कर दे माँ
ईर्ष्या न करुँ कभी किसी से भी
सुंदर विचार मन में भर दे माँ
राह भटक जाऊँ कभी तो
सही राह दिखाना माँ।।

हे हंसवाहिनी! हे माँ सरस्वती!
संपूर्ण जग का कल्याण करो माँ
हैं जो निर्धन और बेसहारे उनका
सहारा बन जाओ तुम माँ
उनकी पीड़ा दूर कर दो तुम माँ
हाँ माँ उन बेसहारों का सहारा बन माँ।।

हे हंसवाहिनी! हे माँ सरस्वती!
है बारम्बार प्रणाम तुम्हें माँ
हाँ आज हैं जो भी सफल
उनकी सफलता के पीछे है
तुम्हारा अतुलनीय योगदान माँ
हाँ माँ है बारम्बार नमस्कार तुम्हें।।

✍️कुमार संदीप

Published by Sandeep Kumar mishra

विद्यार्थियों के हित में सदैव तत्पर रहना मूल लक्ष्य है- गुरु दीक्षा क्लासेज(Sandeep kumar mishra)

Leave a comment

Design a site like this with WordPress.com
Get started